राजस्थान में श्रीगंगानगर जिले के पास बसे गांव मोटासर खूनी के निवासी राजेन्द्र तरड़ जी पेशे से एक शिक्षक हैं। पारिवारिक वानिकी से प्रेरित होकर उन्होंने अपने ही घर को मिनी-पार्क में तब्दील कर दिया है। इनके घर में किन्नू, मौसमी, जामुन, निम्बू, आम, शहतूत, फालसा, बेर, अमरूद, संतरा, केले जैसे 50 से भी अधिक फलदार पेड़ हैं।
अपने घर के अलावा वे गाँव में भी हरियाली फ़ैलाने के प्रयासों में जुटे हैं। राजेन्द्र जी की कोशिशों से ही आज जब भी गाँव में किसी की मृत्यु होती है, तो उस व्यक्ति की याद में पेड़-पौधे लगाये जाते हैं। इन पेड़ों की देखभाल का ज़िम्मा खुद राजेन्द्र जी ने उठाया हुआ है। पूरी मेहनत और लगन से उन्होंने गाँव की शमशान भूमि में अब तक 70 पेड़ों को बड़ा किया है। राजेन्द्र जी के काम से प्रभावित होकर आस-पास के गाँव भी पर्यावरण के प्रति संवेदनशील हो रहे हैं! #WorldEarthDay #विश्व_पृथ्वी_दिवस।
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